अब जनता अपनी आँख खोले और धराशायी कर दे कालयवन को। अब जनता अपनी आँख खोले और धराशायी कर दे कालयवन को।
हम कहने से ज्यादा करने में यकीन रखते हैं, हम सबसे प्यार से मिलते हैं, हम कहने से ज्यादा करने में यकीन रखते हैं, हम सबसे प्यार से मिलते हैं,
जब हम फिर से कश्मीर को धरती का स्वर्ग पाएंगे।" सबने समवेत स्वर में कहा। जब हम फिर से कश्मीर को धरती का स्वर्ग पाएंगे।" सबने समवेत स्वर में कहा।
तुम ने कभी मस्जिद या मंदिर में लिफ्ट लगी नही देखी होगी। तुम ने कभी मस्जिद या मंदिर में लिफ्ट लगी नही देखी होगी।
तभी रमा देवी की तंद्रा भंग होती है तथा खुशी से आवाजें लगाती है, बेटा नेहा जल्दी आओ आदित तभी रमा देवी की तंद्रा भंग होती है तथा खुशी से आवाजें लगाती है, बेटा नेहा जल्दी ...
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास